दोस्तों स्वागत हैं आपका इस ब्लॉग मे – इस ब्लॉग में बात करेंगे गुरु नानक जी के जीवन से किन किन बातो को अपने जीवन में उतार सकते है।
देशभर में 27 नवंबर को गुरु नानक जयंती मनाई जा रही हैं। इस बार गुरु नानक जी की 554 वी जयंती मनाई जा रही हैं।नानक देव जी बाबा नानक नाम से भी जाने जाते थे। गुरु पर्व या प्रकाश पर्व द्वारा नानक के जन्मदिन के जा रही है। गुरु नानक जी सिखों के प्रथम गुरु थे और गुरु नानक देव जी ने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की नींव रखी थी। गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। गुरु नानक के शिष्य और अन्य उन्हें उपलक्ष में मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जन्म 1469, तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब में है। स्कूलों , कॉलेजो में उनके जन्मदिन पर निबंध प्रतियोगिता सहित और अन्य कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
गुरु नानक जयंती हर्षो उल्लास का त्यौहार:
गुरु नानक जयंती सिखों का पवित्र त्यौहार होता है। यह गुरु नानक देव जी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती की पूर्व संध्या पर लोग गुरुद्वारों में जाते हैं, और गुरु नानक जी से प्रार्थना करते हैं और सिख प्रभात फेरी नमक जुलूस भी निकालते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत 15 दिन पहले हो जाती है गुरु नानक साहब देव के जन्म से पहले भक्तों द्वारा अखंड पाठ किया जाता है। इस पर्व पर दो दिनों तक गुरु ग्रंथ साहिब का बिना रुके पढ़ा जाता है।
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गुरु नानक जयंती का धार्मिक दृष्टिकोन:
गुरु नानक देव जी के पूर्व संध्या से पहले जुलूस को नगर कीर्तन का जाता है । यह सिखों के लिए एक आवश्यक दिन है लोग गुरुद्वारों में प्रसाद तैयार करते हैं और जरूरतमंद लोगों को खाना भी खिलते हैं ।गुरु नानक जयंती पर वह अपने घरों पर देव और मोमबत्तियां भी जलाते हैं।
पुरुषों के समूह विशेष रूप से सिख समुदाय के लोग मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं यह सीख मार्शल आर्ट पारंपरिक हथियारों का प्रयोग करते हैं ।
सिख लोगों और सिद्धांतों के मुताबिक अवतारों का सिद्धांत सिर्फ सिख धर्म में शामिल नहीं है। सिख धर्म में केवल गुरु की अवधारणा होती है। सिख लोगों के मुताबिक गुरु तक अध्यात्मिक आत्मा है और गुरु नानक देव को भारत और विदेशों में भी सिखों द्वारा पूजा जाता है। गुरु नानक देव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 को हुई थी।
गुरु नानक जी का जीवन परिचय :
गुरु नानक जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था उनका विश्वास एक ईश्वर में था। उन्होंने सब जगह यात्रा और अपने ज्ञान का प्रचार किया, और अपने संदेश सब लोगों में फैलाएं एक शिक्षक के रूप में भी उनकी शिक्षाओं को सीखो के पवित्र ग्रंथ है जैसे गुरु ग्रंथ साहिब में दायर किया जाता है। उनके उपदेश एक ईश्वर पर आधारित था और यह ईश्वर बिना भेदभाव के सभी लोगों से प्यार करते थे। उनके विश्वास के अनुयाई सिख के रूप में जानेमनाते हैं।
क्या सीख सकते हैं विद्यार्थी गुरु नानक जी के जीवन से ?
- गुरु नानक जी का कहना था कि हमेशा एक ही ईश्वर की भक्ति या उपासना करनी चाहिए।
- ईमानदारी से और कठिन परिश्रम से ही अपनी जीविका का प्रवाहन करना चाहिए।
- कभी बुरे कार्य को करने के बारे में न सोचना चाहिए और ना किसी को बेफजूल में सताना चाहिए।
- हमेशा अपने जीवन में प्रश्न रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हमारे कारण कोई दुखी ना हो
- नानक कहते हैं जो ईश्वर में विश्वास रखते हैं, ईश्वर को मानते हैं, उन्हें किसी का भय नहीं रहता।
- अपनी मेहनत की कमाई से कमाई का कुछ हिस्सा गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए रखना चाहिए।
- हमें परमात्मा से जुड़ना चाहिए।
FAQ’S
1. गुरु नानक जयंती क्या है?
गुरु नानक जयंती, जिसे गुरपुरब भी कहा जाता है, गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस की महत्वपूर्ण धारोहर है।
2. गुरु नानक देव जी का जन्म कहाँ हुआ था?
गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में पाकिस्तान के ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान में) के एक छोटे से शहर में हुआ था।
3. कीर्तन और प्रभात फेरी का क्या महत्व है?
गुरपुरब के दिन, लोग कीर्तन के माध्यम से भक्ति भावना को व्यक्त करते हैं और प्रभात फेरी, एक प्रकार की प्रभात यात्रा, निकालकर नगर के विभिन्न हिस्सों में कीर्तन और शब्द गाया करते हैं।
4. लंगर क्या होता है?
लंगर, एक विशेष प्रकार का भोजन है जो गुरुद्वारे में सभी को समान रूप से उपलब्ध होता है। यह सिख सामाजिकत्व और समवेदनशीलता का एक प्रतीक है।
5. गुरु नानक देव जी के उपदेश क्या थे?
गुरु नानक देव जी ने एकांतिक भक्ति और सामाजिक न्याय के संदेश दिए। उनके अनुयायी उनके सकारात्मक जीवन और शिक्षण से प्रेरित होते हैं।
6. गुरु नानक जयंती कैसे मनाते हैं?
गुरपुरब के दिन, भक्तों ने गुरुद्वारे की सफाई, रंग-बिरंगी रंगोली, और प्रकाश पर्व के लिए सज-सज्जा कार्यक्रम तय करते हैं।
7. गुरु नानक जयंती और एकता में क्या योगदान है?
इस अवसर पर, लोग धार्मिक एकता और समरसता को महत्व देते हैं। सिख समाज, अलग-अलग धर्मों के लोगों को एक साथ लाने का प्रयास करता है।
8. गुरु नानक देव जी की बानी का क्या महत्व है?
गुरु नानक देव जी की बानी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में प्रकाशित, एक अद्भुत धार्मिक ज्ञान का स्रोत है। उसमें सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों पर विचार किया गया है।
9. गुरु नानक जयंती के दिन क्या व्रत रखा जाता है?
कुछ लोग इस दिन व्रत रखकर अपने जीवन में शुद्धि और सादगी लाने का संकल्प लेते हैं। व्रत में कुछ विशेष भोजन का पालन किया जाता है।
10. गुरु नानक जयंती का अंत कैसे मनाया जाता है?
गुरपुरब का अंत भक्ति सम्मेलन और कीर्तन के साथ होता है। लोग प्रभात फेरी के बाद घर लौटकर अपने परिवार के साथ विशेष भोजन का आनंद लेते हैं।