जैसा कि आप सब जानते है, कि हमारा देश भारत मंदिरों का देश है। हमारे पूरे भारत देश मे बहुत से कई प्राचीन मंदिर है । इनमे से एक Murdeshwar Mandir Ka Rahsya जो की भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिर में से एक है जिसकी आज हम इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे ।
वैज्ञानिको के लिए बना हुआ है यह मंदिर रहस्य !
Murdeshwar Mandir Ka Rahsya जानने के लिए वैज्ञानिक है बहुत उत्सुक जिसके रहस्य को अभी तक कोई नहीं जान सका है। लेकिन वहां से कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं , जो आप सबको चौका देंगे । चलिए आज हम आपको एक ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। जिसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है यह इतिहास खासकर रावण से जुड़ा हुआ है।
कहाँ है स्थित भारत का यह प्राचीनतम मंदिर ?
यह मंदिर कर्नाटक में कन्नड़ जिले के भटकल तहसील में स्थित है जो कि तीनों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है । जैसा की समुद्र के आसपास का नजारा बेहद खूबसूरत होता है । वैसे ही यह मंदिर समुद्र तट पर स्थित होने के कारण इस मंदिर के आसपास का नजारा बेहद ही खूबसूरत और शांतिपूर्ण है, और साथ में लोग Murdeshwar Mandir Ka Rahsya जानने के लिए है उत्सुक ।
कौनसा है यह मंदिर , जानिए विस्तार से।
Murdeshwar Mandir Ka Rahsya : दरासल हम बात कर रहे हैं शिव जी के मंदिर मुर्देश्वर मंदिर की जो भगवान शिव और रावण से जुड़ा हुआ है। मुरूदेश्वर भगवान शिव का ही एक नाम है। Murdeshwar Mandir Ka Rahsya कि इसके परिसर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित है । जिसे इस पूरी दुनिया की दूसरी सबसे विशाल और ऊंची शिवजी की प्रतिमा माना जाता है । भगवान शिव की इस विशाल मूर्ति की ऊंचाई करीब 123 फीट है ।
इस मंदिर से जुड़े अनसुने तथ्य ।
Murdeshwar Mandir Ka Rahsya :आपको एक तथ्य जानकर हैरानी होगी ,कि मंदिर को इस तरीके से बनाया गया है कि पूरे दिन सूर्य की किरणें मूर्ति पर पड़ती रहती है । और आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मूर्ति पूरे दिन सूर्य की रोशनी में चमकती रहती है । इसे बनाने में करीब 2 साल का समय लगा था। और 5 करोड रुपए की इस मंदिर में लागत आई थी। इस अजूबे मंदिर में सिर्फ भारत के ही लोग नहीं आते बल्कि विदेशों से भी बहुत लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। और बड़ी संख्या में इकट्ठे भी हो जाते हैं और महत्वपूर्ण बात मुरुदेश्वर मंदिर में भगवान शिव का आत्मलिंग भी स्थापित है ।
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जानिए इस मंदिर से जुडी आध्यात्मिक कहानी के बारे में।
Murdeshwar Mandir Ka Rahsya: अब हम आपको एक कहानी बताते हैं । यह बात है उस समय की जब रावण अमृत का वरदान पाने के लिए भगवान शिव जी की तपस्या करते थे । तब शिवजी ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उनके सामने प्रकट हुए। और उन्हें एक शिवलिंग दिया, जिसे आत्मलिंग कहा जाता है । और भगवान शिव ने यह कहा कि अगर तुम अमर होना चाहते हो तो इस आत्मलिंग को लंका ले जाकर स्थापित कर देना। लेकिन इसे जिस जगह पर रख दोगे यह वहीं स्थापित हो जाएगी। भगवान शिव के कहीं अनुसार रावण शिवलिंग को लंका ले जा रहा था। लेकिन बीच रास्ते में ही उसने शिवलिंग को धरती पर रख दिया , और जिससे वह वहीं पर स्थापित हो गई। इससे रावण को बहुत क्रोध आ गया था और फिर वह शिवलिंग को नष्ट करने का प्रयास करता। इसी क्रम में जिस वस्तु से शिवलिंग ढका हुआ था। वह मीरुदेश्वर मंदिर के कनदुका का पर्वत पर जा गया था । मुदेश्वर को ही अब मुरूदेश्वर के नाम से जाना जाता है । इस कथा का शिव पुराण में विस्तार से वर्णन मिलता है।
पर्यटकों के लिए है यह मंदिर आरकर्षण का केंद्र।
Murdeshwar Mandir Ka Rahsya : इस मुरुदेश्वर मंदिर में जाने के एक लिए मुख्य द्वार है। और इस द्वार को गोपुर द्वार के नाम से भी जाना जाता है । और सबसे अच्छी बात कि आप मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को बहुत ही नजदीक से देख सकते हैं । भगवान शिव की बड़ी प्रतिमा के पास जाने के लिए सीढ़ियां भी बनी हुई है । जिससे आप सब भगवान शिव के काफी नजदीक जा सकते हैं । और सबसे बड़ी बात उनकी प्रतिमा के सामने एक नदी भी है । जिससे वहां का नजारा बहुत ही खूब-सूरत हो जाता है । इन सबसे यह मंदिर बहुत ही आकर्षक दिखता है। और बहुत ही खूबसूरत भी दिखता है । इस मंदिर की ऊंचाई देखने पर ऐसा लगता है । कि भगवान शिव का शीश बादलों ने छुपा लिया हो और यह नजारा बहुत ही खूबसूरत भी होता है । जो हर श्रद्धालु के लिए बहुत ही खूब-सूरत नज़ारा दिखाता है ।