भीष्म पितामह ने रोज़ 10000 पांडव सैनिकों को मार देने का व्रत बनाया था।
अनगिनत जीवन के अनुभव को अपने आत्मविकास के लिए एक शिक्षा रूप में भी प्रयुक्त किया।
Learn more
जब भूमि खून से लाल हो गई थी, और युद्ध के प्रभाव से यहां की मिट्टी आज भी उन घटनाओं का साक्षी है।
महाभारत के युद्ध में हर दिन हजारों योद्धा अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे।
युद्ध से लौटे योद्धाओं के घर वाले उनके शवों की देखभाल में रत थे।
कुरुक्षेत्र का दृश्य अनोखा था। यहां हर कोने से सुनाई देने वाली थी योद्धाओं की चीखें और रोने की आवाजें।
Learn more
महाभारत युद्ध भूमि के शिविर में बदलता था भोजन का संख्यात्मक हिसाब
गीता का उपहार अनोखा है जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।
गीता के ज्ञान को सुनने वाले तीन साक्षात्कारों में एक योद्धा, एक विद्वान, और एक धार्मिक गुरु शामिल थे।
युद्धभूमि पर हुई द्रौपदी, कुंती, और गांधारी की मुलाकात अनोखा थी।
Learn more