हमारी आत्मा में बसी एक विशेष कहानी, जो हमें हर कदम पर गर्वित बनाए रखती है।

Rani Laxmi Bai, एक ऐसी राजकुमारी जिन्होंने बचपन से ही अपने आत्म-समर्पण और शौर्य के पथ पर चलने का निर्णय लिया।  

Rani Laxmi Bai ने झाँसी के महाराजा गंगाधर राव से विवाह किया, तब भी उन्हें जीवन की कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। 

झाँसी की Rani Laxmi Bai का त्याग, साहस, और निर्भीक भूमिका भारतीय इतिहास को एक विशेष रत्न देती है।  

एक शौर्य और साहस की कहानी। उनका जन्म 1835 में हुआ था, 

Rani Laxmi Bai ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने दृढ निश्चय का प्रतीक बनाया। 

झाँसी की रानी को स्वतंत्रता संग्राम की श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। 

Rani Laxmi Bai ने अपने देश के लिए अपने पूरे से काम में अपना इतना समर्पण और निष्ठा दिखाई कि उनका यह समर्पण हमें भी प्रेरित करता है।