दोस्तों बात करेंगे इस ब्लॉग में विचार और विकास के चमकते सितारे से बद्रीनाथ जी के बारे में
बचपन और शिक्षा
- जन्म और परिवार: बद्रीनाथ श्रीवास्तव का जन्म भारत के चेन्नई शहर में हुआ था। उनके पिता सी श्रीवास्तव एक इंजीनियर थे और माता लक्ष्मी देवी एक वकील की बेटी थी।
- शिक्षा: उनके बचपन में ही माता-पिता का देहांत हो गया, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और बीमा की प्राप्त राशि से लोयोला कॉलेज से कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की।
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चिकित्सा का कदम
- मेडिकल कॉलेज: 1963 में, बद्रीनाथ ने मेडिकल कॉलेज, मद्रास से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
- अमेरिका में अध्ययन: 1969 में, उन्होंने न्यूयॉर्क के ग्लास लेंस अस्पताल में 1 वर्ष की इंटर्नशिप की और फिर कनाडा की रॉयल कॉलेज आफ रेसर्जन के फॉलो बने।
शंकर नेत्रालय: समर्पण से सेवा
- समूह की स्थापना: 1978 में, बद्रीनाथ ने मेडिकल एंड विज़न रिसर्च फाउंडेशन के साथ शंकर नेत्रालय की स्थापना की।
- सेवाएं: यह नेत्रालय धर्मार्थ और गैर-लाभकारी है, और रोज़ाना लाखों मरीज़ों की देखभाल करता है।
पुरस्कार और सम्मान
- पद्म विभूषण: सन 1996 में, उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।
- अन्य पुरस्कार: उन्हें 1963 में पद्मश्री, 1991 में डॉक्टर बी सी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार, 2009 में उत्कृष्ट के लिए कृष्णमूर्ति पुरस्कार, और 2014 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला।
एस.एस. बद्रीनाथ के निधन पर विभिन्न मंत्रियों के विचार
- राम सुगंध तमिलनाडु कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट ने अपनी सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट कर लिखा चेन्नई के एक प्रमुख नेत्र देखभाल अस्पताल शंकर नेत्रालय जिसने कई गरीब मरीजों की सेवा की है उनके संस्थापक डॉक्टर से बद्रीनाथ के निधन पर परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी प्रार्थना और संवेदनाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा और कहा “दूरदर्शी नेत्र विज्ञान के विशेषज्ञ और शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ से बद्रीनाथ जी के निधन से गहरा दुख हुआ”उन्होंने आगे “नेत्र देखभाल में उनके योगदान और समाज के प्रति उनके अथक सेवा ने एक अमित छाप छोड़ी है|
बद्रीनाथ के जीवन से क्या सीखा जा सकता है - एस.एस. बद्रीनाथ, एक व्यक्तित्व जिसने अपने जीवन में साहस और समर्पण का परिचय किया। उनके अनुभव से हम सीख सकते हैं कि कैसे आत्मविश्वास, संघर्ष, और आत्मसमर्पण से जीवन को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है। उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी परिस्थिति में आत्मनिर्भर रहना और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना हमें आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान कर सकता है।
एसएस बद्रीनाथ द्वारा किये जाने वाले सामाजिक कार्य
एस.एस. बद्रीनाथ, एक समर्पित नेता और शिक्षावादी, ने अपने जीवन में सामाजिक सेवा में अपना पूरा समर्पण दिखाया है। उनकी विचारशीलता और सेवाभाव ने उन्हें लोगों के दिलों में बसा दिया है। बद्रीनाथ जी ने शिक्षा के क्षेत्र में कई परियोजनाओं का संचालन किया और गरीबों के लिए शिक्षा के अधिकारों की रक्षा की। उनकी उपयोगी सोच ने समाज को एक नई दिशा दिखाई है और उन्हें एक सामाजिक नेता के रूप में माना जाता है।
उन्होंने गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के लिए योजनाएं चलाईं, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए मजबूती प्रदान करती हैं। उनका यह सामाजिक कार्य सिर्फ शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वे स्वास्थ्य, जल, और अन्य क्षेत्रों में भी समर्पित रहे हैं। उनकी शिक्षा से जुड़ी पहलों ने गाँवों में सुधार लाने में मदद की है और लोगों को सही दिशा में मार्गदर्शन किया है।
बद्रीनाथ जी ने अपने जीवन में सामाजिक सेवा के माध्यम से अपने आत्म-निर्माण का संदेश दिया है। उनका योगदान हमें यह सिखाता है कि शिक्षा और सेवा समाज को सही दिशा में बढ़ने में कैसे मदद कर सकते हैं और एक व्यक्ति कैसे अपनी शक्तियों का सही उपयोग करके समाज में पॉजिटिव परिवर्तन ला सकता है।
समापन
एस.एस. बद्रीनाथ ने अपने जीवन में अद्वितीय योगदान दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षा, सामाजिक सेवा, और नेतृत्व में अपनी पहचान बनाई। उनका जीवन एक प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा, जो सदैव हमें उच्चता की ओर मुख करता है।