Himanta Biswa Sarma News: दोस्तों स्वागत है आपका इस ब्लॉग में – इस ब्लॉग में बात करेंगे की असम के मुख्यमंत्री ने क्या कहा ट्विटर पोस्ट के माध्यम से शुद्रो के बारे में।
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Himanta Biswa Sarma News: क्या है खबर ?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा जो कि अपने बयानों एवं अपने कार्य करने की विधि से देश में प्रसिद्ध है।
हाल ही में उनके द्वारा एक ट्वीट किया गया जिसमें लिखा था कि यह शूद्रों का स्वाभाविक काम है कि वे ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय की सेवा करें।
आपको बता दें कि मंगलवार को उन्होंने यह पोस्ट जनता के बीच ट्विटर के माध्यम से साझा किया।
हिमंत बिस्व सरमा ने किए गए इस पोस्ट को 28 दिसंबर दिन गुरुवार को हटा दिया और उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी।
उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनके टीम के द्वारा यह पोस्ट गलत अनुवादित हो गया था। इसका उद्देश्य किसी समाज की भावना को आहत करना कतई नहीं था।
लेकिन विपक्ष की पार्टियों को इस मुद्दे पर राजनीति करने का अवसर मिल गया और असम के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व समानता, बंधुता और न्याय का सख्त विरोध करता है।
क्या कहा था हिमंत बिस्व सरमा ने जानिए विस्तार से?
मंगलवार को हिमंत बिस्व सरमा के ट्विटर से एक पोस्ट में शूद्रों को टारगेट करते हुए लिखा कि शूद्रों का काम है कि वह ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्यों की सेवा करें।
गुरुवार 28 दिसंबर 2023 को उनके द्वारा इस पोस्ट पर सफाई दी गई कि यह पोस्ट उनके टीम के सदस्य द्वारा गलत अनुवादित हो गई इस पोस्ट को फिलहाल में हटा दिया गया।
हिमंत बिस्व सरमा ने इस पोस्ट को लेकर माफी मांगते हुए कहते हैं कि हमारी मंशा किसी भी समाज की भावना को आहत करना कतई नहीं है अगर किसी समाज की भावना हमारे इस पोस्ट द्वारा आहत हुई हो तो मैं हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगना चाहता हूं।
क्या लिखा इस पोस्ट में?
असम के मुख्यमंत्री है हिमंत बिस्व सरमा के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट किया गया जिसमें श्रीमद् भागवत गीता का एक श्लोक लिखा था।
इस श्लोक में लिखा था की खेती करना, पशुओं को पालना और व्यापार करना यह सब वैश्यों के कार्यों में शामिल होता है शूद्रों का कार्य है कि वह ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्यों की सेवा करें।
इसमें कहा गया कि भगवान श्री कृष्ण खुद वैश्य और शूद्रों के कार्यों का वर्णन करते हैं।
इस वाक्यांश पर विपक्ष का क्या रुख?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो यह वाक्यांश किया है और यह उनके पोस्ट उनके जातिवाद दृष्टिकोण को बताता है।
ओवैसी ने कहा कि हिमंत बिस्व सरमा ने मुख्यमंत्री बनने से पहले अपने पद के लिए शपथ ली थी। कि वह अपने सभी नागरिकों को समान रूप से देखेंगे और किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। यह कृत्य उनके जाति के नजरिए को दिखलाता है।
उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्व सरमा अपने भड़काऊ बयान से जाने जाते हैं। ओवैसी कहते हैं कि हिमंत बिस्व सरमा अपने बयान के माध्यम से कहते हैं की वह मुसलमानो से वोट की आशा नहीं रखते क्योंकि वह बीजेपी पार्टी को वोट ही नहीं करते।
कांग्रेस का इस पोस्ट पर बयान
हिमंत बिस्व सरमा के इस बयान पर कांग्रेस का बयान सामने आया जिसमें कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा कहा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन हिमंत बिस्व सरमा के बयान से सहमति रखते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई उनके खिलाफ कुछ कहेगा तो उनके पास पुलिस भेज देंगे जो की एक नासमझी टिप्पणी है और इसे अनदेखा नहीं कर जा सकता।
कम्युनिस्ट पार्टी
मुख्यमंत्री की इस पोस्ट पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ने कहा कि यह बीजेपी मनुवादी विचारधारा है जो कि जो की उनके इस बयान में हमें साफ-साफ देखने को मिलती है
हिमंत बिस्व सरमा की पोस्ट के विपक्ष में ट्विटर हैंडल बहुजन लाईव्स मैटर द्वारा यह कहा गया कि यह पोस्ट शूद्र जाति की भावना को आहत करने के परिपेक्ष में पोस्ट करी गई। इस पोस्ट में कहा गया कि शूद्रों को शूद्रों का काम यह है कि वे ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की सेवा करें जो की शूद्रों की भावना को आहत करना और जातिवाद फैलाने का एक साफ उदाहरण है।
निष्कर्ष
हिमंत बिस्व सरमा द्वारा किए गए ट्विटर पोस्ट के बाद, जिसमें उन्होंने शूद्रों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था, उसे हटाने और माफी मांगने के बाद भी विपक्ष ने इसे राजनीतिक रूप से उठाया है। इसके परिणामस्वरूप, विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को अपने फायदे के लिए उपयोग करना शुरू किया है। इस परिस्थिति में हिमंत बिस्व सरमा ने माफी मांगी है, लेकिन बवाल जारी है और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर विचारशीलता बनी है।
மன்னிப்பு கேட்ட அசாம் முதல்வர்!#HimantaBiswaSarma #BJP #BhagavatGita #Shudras #RSS #KalaignarSeithigal pic.twitter.com/h3UYLHnPfF
— Kalaignar Seithigal (@Kalaignarnews) December 29, 2023
FAQ’s
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- हिमंत बिस्व सरमा ने क्या ट्वीट किया था?
- हिमंत बिस्व सरमा ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने शूद्रों को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि शूद्रों का स्वाभाविक काम है कि वे ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रियों की सेवा करें।
- उसके बाद क्या हुआ?
- उसके बाद, विपक्ष ने इस बयान को निशाना बनाया और हिंदुत्व और न्याय के साथ इसे विरोध किया। हिमंत बिस्व सरमा ने फिर इस ट्वीट को हटा दिया और माफी मांगी, कहते हुए कि इसका गलत अनुवाद हुआ था और उसका उद्देश्य किसी समाज की भावना को आहत करना नहीं था।
- विपक्ष ने कैसे प्रतिक्रिया दी?
- विपक्ष ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाया, हिंदुत्व को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि इस बयान से न्याय का सत्य विरोध है।
- कांग्रेस ने इस पर कैसे प्रतिक्रिया दी?
- कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन हिमंत बिस्व सरमा के बयान से सहमति रखते हैं, और इस पर कठिनाई आने पर पुलिस भेजने की धमकी को नकारात्मकता से देखा गया।
- इसमें क्या सामाजिक संदेह है?
- इस ट्वीट में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्रों के बीच भेदभाव को लेकर एक विवाद उत्पन्न हो गया है, जिसे सामाजिक संदेह के रूप में देखा जा रहा है।