तारीख और समय:
- दिन: सोमवार, 29 जनवरी 2024
- चंद्रोदय: 09:10 PM
- चतुर्थी तिथि शुरू: 06:10 AM, 29 जनवरी 2024
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 08:54 AM, 30 जनवरी 2024
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Sakat Chauth 2024 का महत्व:
- इस दिन माता सकट की पूजा की जाती है, और माताओं द्वारा अपने बच्चों की रक्षा के लिए व्रत रखा जाता है।
- यह पूजा उत्तर भारत के कुछ राज्यों में विशेष रूप से मनाई जाती है।
- इस दिन भगवान गणेश और माता सकट दोनों की पूजा की जाती है, जिससे खुशहाली और समृद्धि मिलती है।
पूजा की सामग्री:
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- पीला कपड़ा, गणेश जी की मूर्ति, जनेऊ, सुपारी, चौकी, इलायची, गंगाजल, लाल फूल, 21 गांठ दूर्वा, रोली, मेहंदी, सिंदूर, अक्षत, हल्दी, मौली, इत्र, अबीर, गुलाल, गाय का धी, दीप, धूप, 11 या 21 तिल के लड्डू, मोदक, फल, पूजा की पुस्तक और अन्य आवश्यक सामग्री।
पूजा की विधि: Sakat Chauth 2024
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- सुबह नहाकर साफ कपड़े पहने।
- भगवान गणेश की पूजा करें और मोदक, गुड़, तिल, दूर्वा आदि से उन्हें अर्पित करें।
- पूरे दिन फलाहार करें और सायंकाल में फिर से गणेश जी की पूजा करें।
चौथ के दिन की विशेषताएं: Sakat Chauth 2024
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- गणेश चालीसा और आरती का पाठ करें।
- गणेश जी के सामने सुपारी और इलायची रखें।
- गणेश जी की पूजा के दौरान लाल कपड़ों में श्रीयंत्र स्थापित करें।
विषय | तिथि/जानकारी |
---|---|
साल | 2024 |
तिथि | सकट चौथ |
दिन | सोमवार, 29 जनवरी 2024 |
चांदनी का समय | रात्रि 09:10 बजे |
चतुर्थी तिथि की शुरुआत | 29 जनवरी 2024, सुबह 06:10 बजे |
चतुर्थी तिथि का समाप्ति | 30 जनवरी 2024, सुबह 08:54 बजे |
पूजा की समग्री लिस्ट | दी गई है (सकट चौथ समग्री लिस्ट) |
पूजन विधि | सकट चौथ 2024 पूजन विधि |
सकट चौथ व्रत कथा | व्रत कथा की जानकारी दी गई है (सकट चौथ व्रत कथा) |
🌟 पूजा का आरंभ:
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Sakat Chauth 2024 के पवित्र दिन की शुरुआत होती है! सुबह सबसे पहले, स्वच्छता का आदान-प्रदान कर, भगवान गणेश की पूजा में रूचि लेकर शुरू हों। 🚿🌸
गणेश जी के सामने तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, और चंदन का भोग सजाकर, मोदक के स्वाद में डूबे रहें। 🍬🍯
इसके बाद, गणेश चालीसा और आरती के स्वर में, भगवान की स्तुति और मंत्रों का जाप करें। 🎶🙏
🍽️ फलाहार व्रत:
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Sakat Chauth 2024: पूरे दिन फलाहार में रहकर, चंद्रोदय के पहले, फिर से गणेश जी का पूजन करें। चंद्रोदय के बाद, चंद्र दर्शन कर, चंद्र देवता को अर्घ्य अर्पित करें। आखिर में, व्रत का पारण करें। 🌕🤲
📜 जरूरी काम इस दिन: Sakat Chauth 2024
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- गणेश चालीसा: इस शुभ दिन में, गणेश चालीसा का पाठ करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। 📿✨
- गणेश जी के सामने सुपारी और इलायची: इससे आने वाली बाधाएं गणेश जी की कृपा से दूर होंगी। 🍬🌰
- श्रीयंत्र और सुपारी: गणेश जी की पूजा के दौरान लाल कपड़े में श्रीयंत्र और सुपारी स्थापित करें, धन-दौलत बढ़ेगी। 💰🔮
- गणेश जी की मूर्ति की स्थान-निर्धारण: श्री गणेश की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थापित करें, मंत्रों के साथ उनकी पूजा करें। 🌺🕉️
🌺 आशीर्वाद से भरपूर:
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Sakat Chauth 2024 का आभास करके, भगवान गणेश की कृपा बरसाएंगी। सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। 🌈💫
Sakat Chauth 2024 की विशेष कथा: भगवान गणेश की कृपा के बिना जीवन की अधूरी कहानी
एक समृद्ध साहूकार और उसकी साहूकारनी जीवन में धनवान थे, परंतु धर्म और पूजा की ओर उनका ध्यान नहीं था। इसका अंजाम यह हुआ कि उन्हें कोई संतान नहीं हुआ। एक दिन, जब साहूकारनी अपने पड़ोसी के घर गई, तो वह चौथ व्रत की कथा सुनती हुई उससे परिचित हुई।
“तुम क्या कर रही हो?” साहूकारनी ने पूछा। “आज Sakat Chauth 2024 है, मैं व्रत रख रही हूँ,” पड़ोसन ने उत्तर दिया।
जानकर, साहूकारनी ने इस व्रत का महत्व जानने के लिए तय किया। वह पड़ोसन से जानकरी लेने लगी और उसे पता चला कि इस व्रत से धन, सुहाग, और पुत्र जैसी अनेक सुख प्राप्त हो सकते हैं। उसने इस व्रत को त्यागने का निर्णय लिया और श्री गणेश भगवान की कृपा से उसका व्रत सफल रहा।
कुछ वर्ष बाद, उसके घर में एक सुंदर बेटा पैदा हुआ। साहूकारनी ने अपनी धरोहर पर निर्भर करते हुए कहा, “अब मेरा बेटा शादी करेगा तो मैं सवा दो सेर तिलक करूंगी।”
लेकिन जब उसका बेटा शादी के लिए तैयार हुआ, वह तिलक नहीं किया। चौथ देवता क्रोधित हो गए और उसे दंड देने के लिए उसके बेटे को पीपल के पेड़ पर बैठा दिया। खोजने वालों ने साहूकारनी के बेटे को ढूंढ़ा, परंतु वह गायब था।
उसी दिन, वह लड़की जिससे उसका बेटा शादी करने जा रहा था, वही उस पेड़ के पास गणगौर की पूजा के लिए आई। वहां पर उसने सुना कि पेड़ से एक आवाज आ रही है, “ओ मेरी अर्धब्यहि!” इसके बाद जो घटना हुई, उसने अपनी माँ से बताई।
जानकर, साहूकारनी ने इस घटना को समझा और अपने बेटे को ढूंढ़ा। उसके बाद, उसने चौथ देवता के सामने प्रायश्चित के रूप में तिलक करने का व्रत लिया। इससे उसके बेटे की शादी हो गई और वह सुखी जीवन जीने लगा।
इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि धर्म और पूजा की महत्वपूर्णता क्या है। साहूकारनी को अपनी भूल पर पछतावा हुआ, परंतु वह उसे सुधारकर अच्छे रास्ते पर ले गई।
आज भी चौथ व्रत को अपनाने वाले लोग इस कथा को अपने जीवन में महत्वपूर्ण मानते हैं और इसका पालन करते हैं। इसी तरह से, हम सभी को धर्म की महत्वपूर्णता को समझना चाहिए और अपने जीवन में उसे समाहित करना चाहिए।
इसलिए, बोलो Sakat Chauth की जय, और श्री गणेश देव की जय के साथ आगे बढ़ें!
कृपया सुनें: “हे Sakat Chauth 2024! जिस तरह साहूकारनी ने व्रत बिगाड़ा और बाद में सही किया, हमें भी सबको इसे सही तरीके से मानना चाहिए।”
🙏 बोलो Sakat Chauth 2024 की जय! श्री गणेश देव की जय! 🌟✨
Sakat Chauth 2024 2024: जानिए इस विशेष दिन की महत्वपूर्ण बातें!
Sakat Chauth 2024: महत्व:
- यह दिन भगवान गणेश और देवी सकट की पूजा का विशेष दिन है।
- Sakat Chauth 2024 को उत्तर भारत के राज्यों में अधिकतर मनाया जाता है।
- महिलाएं इस दिन अपने पुत्र की कल्याण के लिए व्रत रखती हैं।
Sakat Chauth 2024: स्थल:
- राजस्थान में सकट नामक गाँव है, जहां भगवान गणेश की मंदिर है।
- यह मंदिर आलवर से 60 किमी और जयपुर से 150 किमी की दूरी पर स्थित है।
पूजा के लिए सामग्री:
- पीला कपड़ा, गणेश जी की मूर्ति, सुपारी, चौकी, गंगाजल, रोली, मेहंदी, हल्दी, धूप, दीप, और अन्य सामग्री।
पूजा की विधि:
- सुबह स्नान के बाद गणेश जी की पूजा करें।
- पूजा के बाद चंद्र दर्शन करें और व्रत का पारण करें।
आइए सभी मिलकर इस विशेष दिन का महत्व मानते हैं और इसे ध्यान से मनाते हैं! Sakat Chauth की जय!
Sakat Chauth 2024: आशा है कि यह सम्मान और महत्वपूर्ण जानकारी आपको पसंद आई होगी।
Details | Information |
---|---|
Event | Sakat Chauth 2024 |
Date | Monday, January 29, 2024 |
Moonrise | 09:10 PM |
Chaturthi Tithi Begins | 06:10 AM on Jan 29, 2024 |
Chaturthi Tithi Ends | 08:54 AM on Jan 30, 2024 |
About Sakat Chauth | – Krishna Paksha Chaturthi dedicated to Lord Ganesha – Observed in North Indian states – Dedicated to Goddess Sakat for the well-being of sons |
Temple Location | Sakat village in Rajasthan; 60 K.M. from Alwar and 150 K.M. from Jaipur |
Other Names for Sakat Chauth | Sankat Chauth, Til-Kuta Chauth, Vakra-Tundi Chaturthi, Maghi Chauth |
Items for Sakat Chauth Pooja (Samagri) | Yellow cloth, Lord Ganesha idol, sacred thread, betel nut, stool, cardamom, holy water, red flowers, durva grass, turmeric, etc. (detailed list provided) |
Pooja Procedure | Detailed steps for the ritual include morning bath, worshiping Lord Ganesha, chanting mantras, fasting, and concluding rituals |
Activities for Sakat Chauth | 1. Recitation of Ganesh Chalisa and Aarti 2. Offering betel nut and cardamom to Lord Ganesha 3. Using sacred symbols for prosperity 4. Ritualistic practices for success and prosperity |
Sakat Chauth Vrat Katha (Story) | The story of a couple who did not believe in religious rituals but later observed Sakat Chauth after a series of events leading to their realization. |
FAQs (सामान्य प्रश्न)
- सकट चौथ क्या है?
सकट चौथ एक हिन्दू त्योहार है जो मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन माता सकट की पूजा की जाती है और महिलाएं अपने पुत्र के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं। - सकट चौथ कब मनाया जाता है?
सकट चौथ 2024 में 29 जनवरी को मनाया जाएगा। - सकट चौथ का महत्व क्या है?
इस दिन माता सकट की पूजा की जाती है और महिलाएं अपने पुत्र के लिए व्रत रखती हैं। इसका माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पुत्र की सुरक्षा और कल्याण होता है। - सकट चौथ पूजा में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
सकट चौथ पूजा के लिए विभिन्न सामग्री जैसे पीला कपड़ा, गणेश जी की मूर्ति, सुपारी, इलायची, गंगाजल, रोली, मेहंदी, सिंदूर, अक्षत, हल्दी, दीप, धूप, तिल के लड्डू, फल, व्रत कथा की पुस्तक आदि की आवश्यकता होती है। - सकट चौथ पूजन कैसे किया जाता है?
सकट चौथ पूजा में सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की पूजा की जाती है। व्रत के दौरान विशेष मंत्रों और स्तुतियों का जाप किया जाता है। - सकट चौथ की कहानी क्या है?
एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक साहूकारनी ने सकट चौथ व्रत का अवलंबन किया था और उसके पुत्र का कल्याण हुआ। इस कथा में माता सकट की कृपा और प्राकृतिक शक्ति का महत्व है।