भारत की अंतरिक्ष मिशन का नया उदाहरण 2024

 ऐतिहासिक चंद्रमा मिशन के साथ आया एक हिस्सा पृथ्वी के कक्ष में वापस । 

विक्रम लैंडर और प्रग्यान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में नैकिक स्थल पर उतरने का कारण बन गए। 

वैज्ञानिक उपकरण SHAPE के साथ पृथ्वी की नजर रखते हुए चंद्रमा को चक्कर लगाए रखा है।  

उसमें अब भी 100kg से अधिक ईंधन शेष है । 

प्रेरक मॉड्यूल की यह जटिल रिवर्स यात्रा 9 अक्टूबर को शुरू हुई । 

पहला कदम इसने अपने कक्ष को 150किमी से 5,112किमी तक बढ़ाने में शामिल था। 

22 नवंबर से यह पृथ्वी की कक्ष में चक्करा रहा है। 

मॉड्यूल अब भी 115,000किमी से ऊपर है । 

जिसमें लैंडर को उसकी इंजन को चलाने के लिए कहा गया था, जिससे वह लगभग 40सेंमी ऊपर उठकर 30-40सेंमी की दूरी पर उतरा। 

यह प्रयोग इसरो को मानव मिशन्स और अंतर-ग्रहीय मिशन्स की दिशा में एक कदम और करीब ले जाता है ।