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Ambani-Adani: यह खबर बताती है कि भारत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा प्लान बनाया है और इसके लिए इलेक्ट्रोलाइजर्स बनाने के लिए बिड लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में दो बड़े उद्योगपतियों, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी , भी शामिल हो रहे हैं। इन दोनों ही उद्योगपतियों ने ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने की योजना बनाई है, जिसमें भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे ग्रांट के लिए बिडिंग हो रही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा भी कई अन्य कंपनियाँ इस क्षेत्र में योजनाएं बना रही हैं, जिसमें सोलर एनर्जी कॉर्प ऑफ इंडिया, ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन-कॉकरिल ग्रीनको, वारी एनर्जीस लिमिटेड और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों ने भी इलेक्ट्रोलाइजर्स बनाने का इरादा जताया है और इस क्षेत्र में बड़े निवेश करने का प्लान बनाया है।
गौतम अडानी की कंपनी ने इस क्षेत्र में 600 मेगावाट क्षमता के इलेक्ट्रोलाइजर्स बनाने का ऐलान किया है, जिसका मौद्रिक मामला 19,900 करोड़ रुपए का है। इसमें स्थानीय तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। इस तरह के इलेक्ट्रोलाइजर्स का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में होता है, जो एक प्रदूषणमुक्त ऊर्जा स्रोत है और भारत सरकार के एनर्जी ट्रांजिशन लक्ष्यों का हिस्सा है।
Ambani और Adani का संघर्ष
1.1 इतिहास का सफर
दो शक्तिशाली उद्योगपति, मुकेश अंबानी और गौतम Adani, जो अब तक अलग-अलग सेगमेंट्स में काम कर रहे थे, आने वाले दिनों में एक समान सेगमेंट में उतर रहे हैं।
1.2 समान सेगमेंट में उतरना
नया मामला 19900 करोड़ रुपए की बिड से जुड़ा है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और Adani एंटरप्राइजेज शामिल हैं।
सबसे बड़ी बोली: Adani की राजस्व नीति
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2.1 ग्रीन हाइड्रोजन के महत्व
ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग का महत्व बढ़ रहा है, और इसमें इंटरेस्ट दिखा रहे हैं अंबानी और Adani के बाद ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन-कॉकरिल ग्रीनको, वारी एनर्जीस लिमिटेड, और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड।
2.2 इलेक्ट्रोलाइजर्स बनाने का प्लान
Adani ग्रुप ने बड़ी बोली लगाई है और 600 मेगावाट क्षमता के इलेक्ट्रोलाइजसर्स बनाने का प्लान किया है, जिसमें लोकल टेक्नोलॉजी का भी उपयोग होगा।
2.3 Adani की 600 मेगावाट क्षमता
इन इलेक्ट्रोलाइजसर्स की क्षमता का आधा हिस्सा लोकल टेक्नोलॉजी से तैयार होगा, जिससे Adani ग्रुप को अपने नवीनतम परियोजना में अग्रणी बनने का मौका मिलेगा।
भारत का हाइड्रोजन यात्रा: सरकार का लक्ष्य
3.1 प्रधानमंत्री का लक्ष्य
भारत सरकार ने देश में ग्रीन हाइड्रोजन के 2030 तक 50 लाख टन वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें अडानी ग्रुप सबसे अधिक निवेश कर रहा है।
3.2 ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के क्षेत्र
ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग ऑयल रिफाइनरीज, फर्टिलाइजर प्लांट, स्टील उद्योग, और शिपिंग जैसे हेवी इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल हो सकता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन को काफी नीचे लाने में मदद मिलेगी।
3.3 Adani ग्रुप का निवेश
ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर्स के उत्पादन के लिए भारत सरकार द्वारा 2.4 अरब डॉलर (करीब 19,930 करोड़ रुपए) का ग्रांट देने का ऐलान कर रही है, जिसमें रिलायंस और अडानी भी शामिल हैं।
इंसेंटिव्स और बिड्स: सबकुछ विवरणीय
4.1 14 कंपनियों की बिड्स
रिलायंस, अडानी, अवाडा ग्रुप, टोरेंट पावर, और सेंबकॉर्प इंडस्ट्रीज जैसी 14 कंपनियां भी इस इंसेंटिव के लिए बिड्स लगा रही हैं।
4.2 ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए सरकार का ग्रांट
इसके लिए सरकार द्वारा 2.4 अरब डॉलर का ग्रांट देने का ऐलान हुआ है, जिससे भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय मानक: भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता
5.1 ग्रीन हाइड्रोजन का आंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थान
भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा प्लान बनाया है, और इसे आंतरराष्ट्रीय बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने की दिशा में बढ़ावा दिया है। इसमें Ambani और अडानी दोनों ही उद्योगपतियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
5.2 अंबानी और Adani का विश्वस्तरीय योगदान
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी एंटरप्राइजेज ने भारत के ऊर्जा स्वतंत्रता के मामले में एक विश्वस्तरीय योगदान करने का फैसला किया है। इन उद्योगपतियों ने ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में बड़े पैम्प और निवेश का ऐलान किया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है।
5.3 भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा
भारत सरकार ने ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ग्रीन हाइड्रोजन को प्रमोट करने का निर्णय लिया है। अंबानी और Adani के उद्योगी योगदान से भारत ग्लोबल ऊर्जा सेन्टर में अपनी नजरें बढ़ा रहा है और ऊर्जा स्वतंत्रता की साधने की मुहिम में एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है।
समाप्ति: अंबानी और अडानी का नया युग
6.1 नतीजा और समीक्षा
इस नए युग में, अंबानी और अडानी ने ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम उठाया है और ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे देश को आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोतों की प्राप्ति होगी।
6.2 भविष्य की दिशा
Ambani और अडानी ने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में बड़े पैम्प और निवेश की घोषणा की है, जिससे देश को नए ऊर्जा स्रोतों की दिशा में एक नया दौर आएगा। इससे आर्थिक विकास और रोजगार के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव होगा।
6.3 सकारात्मक प्रभाव
Ambani और अडानी का यह योगदान देश की ऊर्जा स्वतंत्रता में सकारात्मक परिणाम पैदा करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में विकास होगा और भारत ग्लोबल ऊर्जा समुदाय में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनेगा।