Parliament Attack : आर्टिकल का मुख्य उद्देश्य यह है कि कैसे संसद की सुरक्षा में हुई एक चूक ने बवाल मचा दिया। इसमें हम जानेंगे कि इस चूक के पीछे रहस्यमय साजिश रचने वाले आरोपी कौन हैं और इन्हें कैसे पकड़ा गया।
संसद की सुरक्षा में सेंध: साजिश रचने वाले आरोपी कौन और सभी कैसे संपर्क में थे? जानें अब जांच समिति क्या करेगी
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संसद Security Breach: आरोपियों का परिचय
संसद में हुए घुसपैठ की साजिश में आरोपित छह लोगों का परिचय है। इनमें से पांच को पुलिस ने पकड़ा है, जबकि एक आरोपी फिलहाल फरार है। इन आरोपियों का सम्बंध अलग-अलग शहरों से है और इन्होंने घटना को अंजाम देने से पहले सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क में थे।
Parliament Attack : आतंकवादी हमले की बरसी
13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकवादी Parliament Attack की बरसी के दिन, संसद में बुधवार को घुसपैठ की साजिश छह आरोपियों ने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर साजिश रची।
आरोपियों का अवस्थान: कौन, कहां?
आरोपियों में से दो, मनोरंजन डी और सागर शर्मा, सदन की दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया जिससे सांसदों में के बीच अफतरातफरी मच गई। सांसदों ने आरोपियों को पकड़ा और उनकी पिटाई की। दूसरी ओर उनके साथी नीलम और अमोल शिंदे ने संसद भवन के बाहर कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया और नारेबाजी की। इसके बाद बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
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आरोपियों ने योजना को अंजाम देने से पहले की रेकी?
आरोपियों ने कुछ दिन पहले योजना बनाई और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की। उन्होंने संसद में आने से पहले गुरुग्राम में विशाल के आवास पर रुके थे। योजना के अनुसार, सभी छह लोग संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को पास मिले।
सोशल मीडिया जरिए चार साल से जुड़े थे आरोपित
आरोपियों का साजिश रचने से पहले से ही इन छहों लोगों का संपर्क सोशल मीडिया के माध्यम से था। इससे सिद्ध होता है कि यह घटना बहुत धीमी गति से योजित हुई थी और इसमें पूर्व-संबंधितता भी शामिल थी।
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पुलिस बोली- संसद की सुरक्षा में सेंध एक सुनियोजित घटना थी
पुलिस ने बताया कि यह घटना संसद की सुरक्षा में सुनियोजित थी, जिसे छह लोगों ने अंजाम दिया। ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक-दूसरे के संपर्क में थे।
सीआरपीएफ के महानिदेशक के नेतृत्व में जांच के आदेश
गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक की जांच सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में कराने का आदेश दिया है। जांच समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। समिति सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी और खामियों का पता लगाएगी। समिति जल्द से जल्द संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझावों सहित सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
समापन इस घटना का पूरा सच सामने आने पर हमारे समाज को चिंता है कि संसद की सुरक्षा में और भी मजबूती और संघर्ष की आवश्यकता है। यह घटना हमें सिखाती है कि सोशल मीडिया का सही तरीके से इस्तेमाल करना कितना महत्वपूर्ण है और सुरक्षा के मामले में हमें सतर्क रहना चाहिए।
FAQs (Frequently Asked Questions)
- कौन थे आरोपी और उनका संपर्क किस प्रकार से था?
- आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम, अमोल शिंदे, ललित, और विशाल शर्मा थे। उनका संपर्क पिछले चार वर्षों से सोशल मीडिया के माध्यम से था।
- कौन-कौन से शहरों से थे आरोपी?
- मनोरंजन डी (मैसूर, कर्नाटक), सागर शर्मा (रामनगर, लखनऊ), नीलम (हिसार, हरियाणा), अमोल शिंदे (लातूर, महाराष्ट्र), ललित (अबतक इसके शहर का पता नहीं), विशाल शर्मा (हिसार, हरियाणा)।
- संसद के अंदर और बाहर क्या हुआ?
- आरोपितों में दो (मनोरंजन डी और सागर शर्मा) सदन की दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया, जिससे सांसदों में अफतरातफरी मच गई। बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
- आरोपियों ने योजना को अंजाम देने से पहले की रेकी?
- हाँ, आरोपियों ने कुछ दिन पहले योजना बनाई और संसद आने से पहले रेकी की।
- सोशल मीडिया जरिए चार साल से जुड़े थे आरोपित?
- हाँ, आरोपी छह लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पिछले चार सालों से एक-दूसरे को जानते थे।